एक्सेसिबिलिटी टूल

    अपनी स्थापना से लेकर आज तक, यूपीएलसी राज्य सरकार की एक विश्वसनीय शाखा के रूप में विकसित हुई है। हमारी समय-सीमा ऐतिहासिक क्षणों को दर्शाती है—प्रारंभिक स्वचालन परियोजनाओं के शुभारंभ से लेकर डिजिटल इंडिया के अंतर्गत मिशन-मोड ई-गवर्नेंस पहलों के लिए तकनीकी भागीदार बनने तक।

    1974 में अपनी स्थापना के बाद से, यूपीएलसी ने उत्तर प्रदेश के तकनीकी विकास में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नीचे हमारी यात्रा की एक झलक दी गई है:

    • 1974

      राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी पहलों को बढ़ावा देने के लिए यूपीएलसी की स्थापना की गई।

      1980

      का दशक - राज्य के विभागों में बुनियादी कम्प्यूटरीकरण कार्यक्रमों का शुभारंभ।

    • 1995

      एनआईसी के समन्वय में प्रारंभिक ई-गवर्नेंस परियोजनाओं का कार्यान्वयन।

      2005

      राज्य डेटा सेंटर और स्वान (स्टेट वाइड एरिया नेटवर्क) की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    • 2010

      कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) जैसी नागरिक सेवा पहलों में भागीदारी की।

      2015

      डिजिटल इंडिया के उद्देश्यों के साथ पुनः संरेखित; स्मार्ट सिटी सहयोग शुरू किया।

    • 2020

      ऑनलाइन नागरिक पोर्टल सहित कोविड-युग की डिजिटल प्रतिक्रियाओं का नेतृत्व किया।

      2023-Present

      वर्तमान - साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग और एआई-संचालित शासन समाधानों पर ध्यान केंद्रित।

    प्रत्येक उपलब्धि के साथ, हम उत्तर प्रदेश सरकार और नागरिकों, दोनों के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में न केवल क्षमता में, बल्कि प्रासंगिकता में भी बढ़े हैं ।