एक्सेसिबिलिटी टूल
  • उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति की छवि
नीतिगत आँकड़े

समग्र नीतिगत प्रभाव (जून 2025 तक)

  •  
    स्वीकृति अनुपात (प्रति 100): 74
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    औसत मासिक स्वीकार्यता 990
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    कुल संसाधित आवेदन 5947
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    कुल स्वीकृत आवेदन 5102
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    कुल प्राप्त आवेदन 6938

नीति की मुख्य विशेषताएँ

ईएसडीएम पार्क

नीति का उद्देश्य सरकारी/निजी एजेंसियों के सहयोग से पूरे राज्य में घरेलू तथा विदेशी निवेशकों के लिए ईएसडीएम पार्कों के विकास को बढ़ावा देना है।

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर

नीति का उद्देश्य तीन (3) ईएमसी स्थापित करना है, जो मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग, कंज़्यूमर ड्यूरेबल्स, टेलीकॉम, आईटी हार्डवेयर, ड्रोन, सेमीकंडक्टर (FAB), मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स, IoT आदि पर केंद्रित होंगे।

उत्कृष्टता केंद्र

नीति विश्व स्तरीय अवसंरचना (Infrastructure) के रूप में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (CoE) स्थापित करने की परिकल्पना करती है, जिससे अनुसंधान, नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप संस्कृति को ईएसडीएम क्षेत्र में प्रोत्साहित किया जा सके।

अनुसंधान एवं विकास केंद्र (R&D Centers)

नीति का उद्देश्य मान्यता प्राप्त अनुसंधान एवं विकास (R&D) केंद्रों और डिज़ाइन केंद्रों को समर्थन प्रदान करना है। इनकी गतिविधियाँ ईएसडीएम क्षेत्र में नवाचार से संबंधित हों तथा उन्हें व्यावहारिक रूप में बदलने में सहायक हों।

नीति के अंतर्गत ईएसडीएम इकाइयों के लिए प्रमुख प्रोत्साहन

  • 15%

    पूंजी अनुदान

    1,000 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 15% अनुदान

  • +10%

    अतिरिक्त पूंजी अनुदान

    1,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश पर अतिरिक्त 10% अनुदान, अधिकतम कुल 250 करोड़ रुपये तक। इसमें अतिरिक्त अनुदान अधिकतम 100 करोड़ रुपये होगा और न्यूनतम 3,000 रोजगार सृजन आवश्यक है।

  • 40%

    नवीनीकृत प्लांट व मशीनरी

    परियोजना लागत का 40% तक पुराने / नवीनीकृत उपकरणों का उपयोग किया जा सकता है।

  • 5% int

    ब्याज अनुदान

    7 वर्षों के लिए प्रति यूनिट 1 करोड़ रुपये प्रति वर्ष तक 5% ब्याज प्रतिपूर्ति (अधिकतम 7 करोड़ रुपये प्रति यूनिट)।

  • 100%

    स्टाम्प ड्यूटी व भूमि रियायत

    100% स्टाम्प ड्यूटी छूट। भूमि पर 25% रियायत (मध्यांचल और पश्चिमांचल) तथा 50% (बुंदेलखंड और पूर्वांचल), लेकिन यह परियोजना लागत के 7.5% या 75 करोड़ रुपये (जो भी कम हो) तक सीमित है।

  • 3.0 एफएआर

    एफएआर / निर्मित

    फ्लोर एरिया रेशियो : 3.0, 1.0 क्रय योग्य - उच्च घनत्व विकास में सहायक।

  • 25%

    लीज़ किराया सहायता

    औद्योगिक भवनों/शेड्स पर किराए का 25% सहायता, अधिकतम 25 लाख रुपये प्रतिवर्ष प्रति इकाई, 5 वर्षों तक।

  • पेटेंट

    पेटेंट दाखिल प्रतिपूर्ति

    घरेलू पेटेंट पर 5 लाख रुपये तक, अंतरराष्ट्रीय पेटेंट पर 10 लाख रुपये तक।

  • 10 वर्ष

    बिजली शुल्क छूट

    10 वर्षों तक छूट: पश्चिमांचल में 50%, मध्यांचल में 75%, पूर्वांचल और बुंदेलखंड में 100%

  • 50%

    परिवहन लागत प्रतिपूर्ति

    विदेश से स्थानांतरित होने वाली इकाइयों के लिए आयातित मशीनरी पर परिवहन लागत का 50%, अधिकतम 2 करोड़ रुपये प्रति इकाई

  • +5%

    एंकर इकाई बोनस

    यदि निवेशक एंकर इकाई के रूप में अन्य सहायक इकाइयाँ स्थापित करता है तो अतिरिक्त 5% पूंजी अनुदान

  • +5%

    फोकस एरिया बोनस

    रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स, सामरिक इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स आदि क्षेत्रों में निवेश करने पर अतिरिक्त 5% पूंजी अनुदान

  • मरम्मत

    पुनर्निर्माण और मरम्मत

    इलेक्ट्रॉनिक्स की मरम्मत, नवीनीकरण या पुनर्निर्माण इकाइयाँ सभी प्रोत्साहनों के लिए पात्र होंगी।

  • 25%

    क्षमता विस्तार पात्रता

    यदि इकाई अपने सकल निवेश में 25% से अधिक की वृद्धि करती है तो उसे विस्तार, विविधीकरण या तकनीकी उन्नयन हेतु प्रोत्साहन मिलेगा।