एक्सेसिबिलिटी टूल
  • उत्तर प्रदेश स्टार्ट-अप नीति की छवि
नीतिगत आँकड़े

समग्र नीतिगत प्रभाव (जून 2025 तक)

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    प्रस्तावित निवेश (₹ करोड़ में) 1500
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    प्रोत्साहन राशि वितरित (₹ करोड़ में) 122
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    एलओसी (LOC) जारी1
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    प्रस्तावित निवेश (₹ करोड़ में) 5556
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    एलओसी (LOC) जारी 6
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    संवितरण आवेदनों की संख्या NIL
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    वितरित प्रोत्साहन राशि (₹ करोड़ में) 212
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    प्रस्तावित रोजगार40000

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उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 (प्रथम संशोधन 2022) इसकी अधिसूचना की तिथि से पाँच (5) वर्षों के लिए मान्य है, और यह पूर्व की नीतियों अर्थात् उत्तर प्रदेश आईटी एवं स्टार्टअप नीति 2016 तथा उत्तर प्रदेश आईटी एवं स्टार्टअप नीति 2017-2022 के स्टार्टअप खंड से संबंधित सभी प्रावधानों को अधिरोहित करती है।

14,000+ स्टार्टअप इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स
71मान्यता प्राप्त इनक्यूबेटर
7उत्कृष्टता केंद्र

प्रोत्साहन

क्र. सं. विषय
  प्रत्येक स्टार्टअप को एक वर्ष की अवधि के लिए प्रति माह 17,500 का जीवन निर्वाह भत्ता
  स्टार्टअप्स को अपना MVP (Minimum Viable Product) तैयार करने के लिए अधिकतम 5 लाख तक का प्रोटोटाइप अनुदान
  MVP को बाज़ार में लॉन्च करने के लिए अधिकतम 7.5 लाख तक का सीड कैपिटल/मार्केटिंग सहायता
  सफल पेटेंट फाइलिंग के लिए भारतीय पेटेंट हेतु अधिकतम 2 लाख तथा अंतरराष्ट्रीय पेटेंट हेतु अधिकतम 10 लाख तक की प्रतिपूर्ति
  स्टार्टअप्स को आयोजनों में भाग लेने के लिए प्रतिपूर्ति – राष्ट्रीय आयोजनों के लिए अधिकतम 50,000 तथा अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए 1 लाख तक
  ऐसे स्टार्टअप जिनमें महिला/ट्रांसजेंडर/दिव्यांगजन सह-संस्थापक की हिस्सेदारी 26% से अधिक होगी, उन्हें जीवन निर्वाह भत्ता एवं सीड कैपिटल पर अतिरिक्त 50% प्रोत्साहन मिलेगा।
  ऐसे स्टार्टअप जिनके पुर्वांचल/बुंदेलखंड क्षेत्रों में पंजीकृत कार्यालय/संचालन है अथवा सह-संस्थापक आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) से हैं या स्टार्टअप्स जो निम्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं – ग्रामीण प्रभाव, परिपत्र अर्थव्यवस्था, स्थिरता, नवीकरणीय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन, उन्हें भी अतिरिक्त 50% प्रोत्साहन दिया जाएगा।
(यह निर्णय कि स्टार्टअप उपरोक्त क्षेत्रों के अंतर्गत आता है या नहीं, PIU द्वारा EC की सिफारिश के आधार पर लिया जाएगा।)
क्र. सं. विषय
  इनक्यूबेटर्स को स्थापना की स्थिति में अधिकतम 1.00 से 1.25 करोड़ तक का वित्तीय सहयोग प्रदान किया जाएगा।
  अधिकतम 1.50 करोड़ (30 लाख प्रति वर्ष अथवा जो पहले हो) की दर से सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
  योग्य संस्थानों को प्रति वर्ष न्यूनतम 12 सप्ताह तक समर्थन हेतु अधिकतम 1.00 करोड़ तक का मिलान अनुदान नीति के अंतर्गत दिया जाएगा।
क्र. सं. विषय
उत्तर प्रदेश सरकार विश्व स्तरीय अवसंरचना के रूप में उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) (CoE) की स्थापना का लक्ष्य रखती है। इसके लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये तक का अनुदान CoE को उसकी स्थापना की तिथि से 5 वर्षों की अवधि में प्रदान किया जाएगा।
उत्कृष्टता केंद्र  में भारत और विदेश से 100 सबसे संभावनाशील उत्पाद-आधारित स्टार्टअप्स को स्थान दिया जाएगा, जो उभरती हुई तकनीकों जैसे क्वांटम कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एवं मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग, एआर/वीआर, ड्रोन, रोबोटिक्स, 5जी, स्पेस टेक, डिफेंस टेक, एग्री-टेक, एजु-टेक, हेल्थ टेक तथा अन्य सामाजिक या राष्ट्रीय महत्व के क्षेत्रों में कार्यरत होंगे।
इस नीति के अंतर्गत अब तक 3 उत्कृष्टता केंद्र  स्थापित किए जा चुके हैं; पहला मेडटेक CoE लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में, उसके बाद AI एवं ML CoE और ड्रोन CoE आईआईटी कानपुर में स्थापित किए गए हैं।