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    लखनऊ एआई (AI) सिटी कार्यशाला – भारत के अगले तकनीकी केंद्र की दिशा

    उत्तर प्रदेश, लखनऊ एआई सिटी परियोजना के माध्यम से भारत की अगली डिजिटल क्रांति की दिशा तय कर रहा है, जिसके माध्यम से लखनऊ को एआई और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में अग्रणी शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

    31 अक्टूबर को आयोजित एक उच्च स्तरीय हितधारक कार्यशाला में वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों, रियल एस्टेट डेवलपर्स, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थानों ने भाग लिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य इस महत्वाकांक्षी परियोजना की परिकल्पना और रूपरेखा को साझा रूप से तैयार करना था। कार्यक्रम में श्री अवधेश कुमार अवस्थी (माननीय मुख्यमंत्री के सलाहकार), श्री दीपक कुमार (अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त), श्री आलोक कुमार (अपर मुख्य सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास तथा एनआरआई विभाग), श्री आलोक कुमार (प्रमुख सचिव नियोजन तथा कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग), श्री अनुराग यादव (प्रधान सचिव, आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग) तथा श्री रवि रंजन (प्रबंध निदेशक, यूपीएलसी) उपस्थित रहे।

    वरिष्ठ अधिकारियों ने इस परियोजना को उत्तर प्रदेश की 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य और विकसित उत्तर प्रदेश 2047 के मुख्य सिद्धांतों के अनुरूप विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। माननीय मुख्यमंत्री की दृष्टि से प्रेरित यह परियोजना चरणबद्ध रूप से विकसित की जाएगी, जिसकी शुरुआत 15–20 एकड़ के कोर ज़ोन से होकर आगे चलकर 100 एकड़ से अधिक क्षेत्र तक विस्तार किया जाएगा। परियोजना में एक आइकॉनिक आईटी टावर, स्टार्टअप-केन्द्रित कार्यस्थल, व्यावसायिक ब्लॉक्स, उन्नत डाटा सेंटर सुविधाएँ, तथा एकीकृत शहरी और सामाजिक अवसंरचना विकसित की जाएगी। इसके प्रमुख घटकों में इनोवेशन सेंटर, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, और एआई (AI), मशीन लर्निंग (ML), रोबोटिक्स तथा डेटा साइंस हेतु अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ शामिल होंगी। संपूर्ण परिसर का विकास सततता और हरित अवसंरचना के सिद्धांतों पर आधारित होगा।

    प्रस्तावित स्थल लखनऊ के मध्य क्षेत्र में स्थित है, जहाँ सशक्त ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर, सुगम सड़क संपर्क, 24x7 उपयोगिता सेवाएँ, हाई-स्पीड फाइबर कनेक्टिविटी, तथा आवासीय और सामाजिक सुविधाओं की निकटता उपलब्ध है।

    लखनऊ एआई सिटी परियोजना से आईटी, रियल एस्टेट, आतिथ्य एवं निर्माण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन की संभावना है। पूंजी अनुदान, परिचालन सहायता और अवसंरचना समर्थन जैसी प्रगतिशील नीतियों के माध्यम से उत्तर प्रदेश, लखनऊ को एआई-आधारित नवाचार के राष्ट्रीय अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों ने एआई इकोसिस्टम को सशक्त करने, अवसंरचना तत्परता प्रदर्शित करने, सरकारी सहयोग को सुदृढ़ करने, और परियोजना संरचना को अंतिम रूप देने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया।

    यू०पी० इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPLC) की ओर से नियुक्त ट्रांजैक्शन एडवाइजर के रूप में केपीएमजी (KPMG) ने इस कार्यशाला का संचालन किया। यह संस्था आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन कार्यरत नोडल एजेंसी है।